Didi Maa Quotes

Didi Maa

गृहस्थ जीवन की सफल उड़ान के लिए “समझशक्ति” और “सहनशक्ति” रुपी दो पंखों का होना अति आवश्यक है।

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Didi Maa

“पुरुष” कोई लिंग नहीं बल्कि इस “पुर” रुपी शरीर में रहनी वाली चेतना को “पुरुष” कहा गया है।

“पुरुष” कोई लिंग नहीं बल्कि इस “पुर” रुपी शरीर में रहनी वाली चेतना को “पुरुष” कहा गया है। Read More »

Didi Maa

संसार में कहीं भी अपने आराध्य का दर्शन कर सको, ऐसी चित्तवृत्ति प्राप्त करने के लिए सद्‌गुरु की शरण ली जाती है।

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Didi Maa

हम चाहे जितने विद्वान हो जाएं, सदा अपने बड़ों का सम्मान करना चाहिए। हमारी विद्वता निश्चित ही उनके अनुभवों के समक्ष कम है, यह मन से मान लेना हमारे चरित्र को विनम्रता की ऊँचाईयों पर ले जाता है।

हम चाहे जितने विद्वान हो जाएं, सदा अपने बड़ों का सम्मान करना चाहिए। हमारी विद्वता निश्चित ही उनके अनुभवों के समक्ष कम है, यह मन से मान लेना हमारे चरित्र को विनम्रता की ऊँचाईयों पर ले जाता है। Read More »

Didi Maa

जीवन का अंतिम क्षण भी यदि बच्चों के समान अचरज से भरा हुआ, बाल सुलभ किलकारियाँ भर रहा हो तो समझिए कि आप जीते जी मुक्त हो गए।

जीवन का अंतिम क्षण भी यदि बच्चों के समान अचरज से भरा हुआ, बाल सुलभ किलकारियाँ भर रहा हो तो समझिए कि आप जीते जी मुक्त हो गए। Read More »

DIdi Maa

बाल मनोविज्ञान की सही समझ प्राप्त करके ही अभिवावक अपने बच्चों को उचित शिक्षा और संस्कार दे सकते हैं।

बाल मनोविज्ञान की सही समझ प्राप्त करके ही अभिवावक अपने बच्चों को उचित शिक्षा और संस्कार दे सकते हैं। Read More »