Vatsalyagram

Didi Maa

“पुरुष” कोई लिंग नहीं बल्कि इस “पुर” रुपी शरीर में रहनी वाली चेतना को “पुरुष” कहा गया है।

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Didi Maa

संसार में कहीं भी अपने आराध्य का दर्शन कर सको, ऐसी चित्तवृत्ति प्राप्त करने के लिए सद्‌गुरु की शरण ली जाती है।

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Didi Maa

जगत में अनुकूलताओं की लालसा देवताओं ही नहीं बल्कि दानवों के भी कदमों में नाक रगड़वाती है।

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Didi Maa

हम चाहे जितने विद्वान हो जाएं, सदा अपने बड़ों का सम्मान करना चाहिए। हमारी विद्वता निश्चित ही उनके अनुभवों के समक्ष कम है, यह मन से मान लेना हमारे चरित्र को विनम्रता की ऊँचाईयों पर ले जाता है।

हम चाहे जितने विद्वान हो जाएं, सदा अपने बड़ों का सम्मान करना चाहिए। हमारी विद्वता निश्चित ही उनके अनुभवों के समक्ष कम है, यह मन से मान लेना हमारे चरित्र को विनम्रता की ऊँचाईयों पर ले जाता है। Read More »

Didi Maa

जीवन का अंतिम क्षण भी यदि बच्चों के समान अचरज से भरा हुआ, बाल सुलभ किलकारियाँ भर रहा हो तो समझिए कि आप जीते जी मुक्त हो गए।

जीवन का अंतिम क्षण भी यदि बच्चों के समान अचरज से भरा हुआ, बाल सुलभ किलकारियाँ भर रहा हो तो समझिए कि आप जीते जी मुक्त हो गए। Read More »

Didi Maa

जिस व्यवहार की अपेक्षा हम औरों से करते हैं, वो हमारे स्वयं के जीवन में औरों को दिखना चाहिए।

जिस व्यवहार की अपेक्षा हम औरों से करते हैं, वो हमारे स्वयं के जीवन में औरों को दिखना चाहिए। Read More »