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परम पूज्य दीदी मां साध्वी ऋतंभरा जी
इन वर्षों में, साध्वी ऋतंभराजी समकालीन समय में सबसे प्रमुख भारतीय अध्यात्मवादी के रूप में उभरी हैं। हालाँकि माँ के आध्यात्मिक और दैवीय स्नेह से बहुत से लोग मुग्ध हुए हैं, लेकिन यह केवल साध्वी ऋतंभराजी ही हैं जिन्होंने इस स्नेह को ढालने की कोशिश की है …
हालाँकि परम पूज्य दीदी माँ साध्वी ऋतंभरा जी का जन्म भारत में हुआ था, लेकिन वे “वसुधैव कुटुम्बकम” के दर्शन में विश्वास करती हैं। सारा संसार उसका घर है और इस संसार में हर कोई उसका दिव्य प्रेम और स्नेह पाने का पात्र है। इसके अलावा महिला सशक्तिकरण में उनका दृढ़ विश्वास है इसलिए उनके द्वारा इस दिशा में काफी काम किया गया है। लेकिन दीदी माँ की सबसे उल्लेखनीय कृति वात्सल्य ग्राम- ‘मातृ प्रेम का गाँव’ है। उन्होंने परित्यक्त बच्चों, निराश्रित महिलाओं और बूढ़ी महिलाओं के लिए परिवार की एक अनूठी अवधारणा विकसित की है। यह सच है कि अनाथ और वृद्धाश्रम ऐसे लोगों की समस्याओं पर उचित ध्यान नहीं देते हैं। दीदी मां अक्सर कहती हैं कि ‘विश्वनाथ’ और ‘रघुनाथ’ की धरती पर कोई कैसे अनाथ हो सकता है। आप वृंदावन में हर जगह उनके मातृ प्रेम और स्नेह को महसूस कर सकते हैं।
Over the years, Sadhvi Ritambharaji has emerged as one of the most prominent Indian spiritualist in the contemporary times. Though there have been many who have been charmed by the spiritual and the divine affection of the mother, it is only Sadhvi Rithambaraji who has tried to mould this affection…
Though Param Pujya Didi Maa Sadhvi Ritambhara Ji was born in India, she believes in the philosophy of “Vasudhaiv Kutumbakam”. The whole world is her home and everyone in this world is eligible to get her divine love and affection. Apart from that, she has firm belief in women empowerment that is why a lot of work has been done by her in this direction. But the most notable work of Didi Maa is Vatsalya Gram- ‘A village of maternal love’. She has developed a unique concept of family for abandoned children, destitute women and old ladies. It is a fact that orphans and old age homes don’t give proper attention to the problems of such people. Didi Maa often says that how anyone can be orphan on the land of ‘Vishwanath’ and ‘Raghunath’. You can feel her motherly love and affection in Vrindavan everywhere.
दीदी मां साध्वी ऋतंभरा जी के साथ भागवत कथा
Bhagwat Katha by Didi Maa Sadhvi Ritambhara Ji
वात्सल्यमूर्ति परम पूज्य दीदी माँ साध्वी ऋतंभरा जी के श्री मुख से श्रीमद् भागवत कथा
दीदी मां का कार्यक्रम
(Didi Maa's Upcoming Event)
श्री मद्भागवत कथा