लोकार्पण समारोह: वात्सल्य गंगा आश्रय, हरिद्वार | Inauguration Ceremony: Vatsalya Ganga Ashray, Haridwar

1 जून 2025 को हरिद्वार, उत्तराखंड में एक ऐतिहासिक घटना हुई, जब वात्सल्य गंगा आश्रय का लोकार्पण समारोह आयोजित किया गया। इस समारोह में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, परम पूज्य दीदी माँ साध्वी ऋतंभरा जी, युग पुरुष स्वामी परमानंद महाराज, और आचार्य बालकृष्ण जैसे गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया। यह वात्सल्य गंगा आश्रय हरिद्वार में तीर्थयात्रियों और आगंतुकों के लिए आश्रय और सुविधाएँ प्रदान करने के लिए बनाई गई है, जो इस पवित्र नगरी की आध्यात्मिक यात्रा को और सुलभ बनाएगी।
समारोह का विवरण
लोकार्पण समारोह हरिद्वार में वात्सल्य गंगा आश्रय परिसर में दोपहर 1:10 बजे आयोजित हुआ। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, जो हाल ही में अपने कार्यकाल के 100 दिन पूरे करने के बाद हरिद्वार आई थीं, ने अपने परिवार के साथ हर की पौड़ी पर गंगा में पवित्र स्नान किया। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, “मैंने कार्यालय में लगभग 100 दिन पूरे करने के बाद इस पवित्र भूमि हरिद्वार में आकर गंगा में स्नान किया। माँ गंगा के चरणों में नमन करते हुए मैं विकसित भारत की कामना करती हूँ, जिसमें दिल्ली भी समृद्धि का मॉडल बने।”
इसके बाद, सीएम गुप्ता और सीएम धामी ने साध्वी ऋतंभरा जी के आश्रम का दौरा किया और वात्सल्य गंगा आश्रय का उद्घाटन किया। इस समारोह में अन्य प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति ने इस आयोजन को और भी विशेष बना दिया। यह वात्सल्य गंगा आश्रय तीर्थयात्रियों को आवास और अन्य सुविधाएँ प्रदान करने के लिए डिज़ाइन की गई है, जो हरिद्वार की आध्यात्मिक यात्रा को और सुगम बनाएगी।
वात्सल्य गंगा आश्रय का महत्व
वात्सल्य गंगा आश्रय विशेष रूप से तीर्थयात्रियों और हरिद्वार आने वाले आगंतुकों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर बनाया गया है। हरिद्वार, जो हिंदू धर्म के सात सबसे पवित्र स्थलों में से एक है, प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है, विशेष रूप से कुंभ मेला और अर्द्ध कुंभ मेला जैसे अवसरों पर। यह वात्सल्य गंगा आश्रय तीर्थयात्रियों को आरामदायक और सुरक्षित आवास प्रदान करके उनकी आध्यात्मिक यात्रा को और समृद्ध करेगी।
साध्वी ऋतंभरा जी की भूमिका
परम पूज्य दीदी माँ साध्वी ऋतंभरा जी ने अपने आध्यात्मिक नेतृत्व और सामाजिक कार्यों के माध्यम से हरिद्वार और पूरे भारत में एक विशेष स्थान बनाया है। उनके मार्गदर्शन में वात्सल्य गंगा आश्रय जैसी परियोजनाएँ न केवल तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए हैं, बल्कि समाज में सेवा और करुणा के मूल्यों को भी बढ़ावा देती हैं। इस समारोह में उनकी उपस्थिति ने इस परियोजना को और अधिक महत्वपूर्ण बना दिया।