ईर्ष्या वो दीमक है जो अंतःकरण की शांति को चट कर जाती है। Leave a Comment / Uncategorized / didimaa Facebook Twitter Youtube ईर्ष्या वो दीमक है जो अंतःकरण की शांति को चट कर जाती है। Read More »
आप दुनियाभर के पाप पत्नी के बिना कर सकते हो परन्तु पुण्य करने के लिए सहधर्मिणी जरूरी है। Leave a Comment / Uncategorized / didimaa Facebook Twitter Youtube आप दुनियाभर के पाप पत्नी के बिना कर सकते हो परन्तु पुण्य करने के लिए सहधर्मिणी जरूरी है। Read More »
गृहस्थ जीवन की सफल उड़ान के लिए “समझशक्ति” और “सहनशक्ति” रुपी दो पंखों का होना अति आवश्यक है। Leave a Comment / Uncategorized / didimaa Facebook Twitter Youtube गृहस्थ जीवन की सफल उड़ान के लिए “समझशक्ति” और “सहनशक्ति” रुपी दो पंखों का होना अति आवश्यक है। Read More »
आप सभी को महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं || Leave a Comment / Uncategorized / didimaa Facebook Twitter Youtube आप सभी को महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं || Read More »
प्रकृति अपने साथ खिलवाड़ करने वालों से नाराज हो रही है, यदि आज हम इस संकेत को नहीं समझे तो कल तक बहुत देर हो चुकी होगी। प्रकृति का रक्षण मतलब प्राणी जगत की जीवन रक्षा। Leave a Comment / Uncategorized / didimaa Facebook Twitter Youtube प्रकृति अपने साथ खिलवाड़ करने वालों से नाराज हो रही है, यदि आज हम इस संकेत को नहीं समझे तो कल तक बहुत देर हो चुकी होगी। प्रकृति का रक्षण मतलब प्राणी जगत की जीवन रक्षा। Read More »
आप सभी को कामिका एकादशी की हार्दिक शुभकामनाएं || Leave a Comment / Uncategorized / didimaa Facebook Twitter Youtube आप सभी को कामिका एकादशी की हार्दिक शुभकामनाएं || Read More »
संतों के चरणों में बैठकर “जो अभिमान का अंकुर प्रस्फुटित होता है” उसका शमन हो जाता है। Leave a Comment / Uncategorized / didimaa संतों के चरणों में बैठकर “जो अभिमान का अंकुर प्रस्फुटित होता है” उसका शमन हो जाता है। Read More »
इस देश को ऐसा बनाएं की हमारी भावी पीढ़ी रोए न ….. Leave a Comment / Uncategorized / didimaa Facebook Twitter Youtube इस देश को ऐसा बनाएं की हमारी भावी पीढ़ी रोए न ….. Read More »
“पुरुष” कोई लिंग नहीं बल्कि इस “पुर” रुपी शरीर में रहनी वाली चेतना को “पुरुष” कहा गया है। Leave a Comment / Uncategorized / didimaa Facebook Twitter Youtube “पुरुष” कोई लिंग नहीं बल्कि इस “पुर” रुपी शरीर में रहनी वाली चेतना को “पुरुष” कहा गया है। Read More »
भारत की गौरव पद्मश्री पद्मभूषण पी.वी. सिन्धु के ओलम्पिक खेलों में बैडमिंटन का “कांस्य पदक” जीतने पर उन्हें बधाई। लगातार दो बार ओलम्पिक पदक जीतने वाली वो पहली भारतीय महिला के रूप में दृढ़ इच्छाशक्ति की प्रतीक हैं। नारी शक्ति का अभिनन्दन। – दीदी माँ साध्वी ऋतम्भरा Leave a Comment / Uncategorized / didimaa Facebook Twitter Youtube भारत की गौरव पद्मश्री पद्मभूषण पी.वी. सिन्धु के ओलम्पिक खेलों में बैडमिंटन का “कांस्य पदक” जीतने पर उन्हें बधाई। लगातार दो बार ओलम्पिक पदक जीतने वाली वो पहली भारतीय महिला के रूप में दृढ़ इच्छाशक्ति की प्रतीक हैं। नारी शक्ति का अभिनन्दन। – दीदी माँ साध्वी ऋतम्भरा Read More »