जीवन का अंतिम क्षण भी यदि बच्चों के समान अचरज से भरा हुआ, बाल सुलभ किलकारियाँ भर रहा हो तो समझिए कि आप जीते जी मुक्त हो गए। Leave a Comment / Uncategorized / By didimaa Facebook Twitter Youtube